ROM क्या है? हिंदी में जानिए

 ROM –Read Only Memory :-

यह एक नॉन-वोलेटाइल (non-volatil) मेमोरी होती है, यह इनफार्मेशन के Permanent Stores के लिए प्रयोग की जाती है ROM पर Stored Information को Alter नही किया जा सकता है । इस मेमोरी में जो भी सग्रहित किया जाता है ,वह हमेशा के लिए Fixed (तय) होता है, अर्थात उसे बदला नही जा सकता है ।


यह एक सिलिकॉन से बनी एक सेमिकंडक्टर चिप होती है, जिसमे डेटा व प्रोग्राम्स स्थाई तोर पर स्टोर होते है । ROM में कंप्यूटर की फंक्शनैलीटी के सम्न्धित सभी निर्देश store होते है ।


ROM चिप कंप्यूटर को शुरु होने में मदद करती है ।


ROM चिप धीरे-धीरे काम करती है ।


ROM चिप में केवल कुछ मेगाबाइट्स का डाटा स्टोर कर सकते है और इसका प्रयोग कुछ गेमिंग सिस्टम Cartidges में भी होता है ।


होता क्या है की जब हम अपने मोबाइल या कंप्यूटर को on करते है तो RAM वर्क करना शुरु कर देती है और जब कंप्यूटर या मोबाइल की पॉवर ऑफ करते है तो पूरा डाटा ROM में store हो जाता है ROM को हम एक्सटर्नल भी ADD कर सकते है जेसे मोबाइल में चिप के रूप में कंप्यूटर में पेनड्राइव,हार्डड्राइव आदि भी ROM ही है ।


उदारण के लिए जब हम कोई मोबाइल या Computer purchas करने के लिए जाते है तब उसकी internal मेमोरी चेक करते है । ऐसा होता है की internal मेमोरी को होती है 32 GB लेकिन दिखती है 28 या 29 GB तो जो इनके बीच में थोडा सा डिफरेंस होता है उसको ही ROM कहा जाता है ।


ROM का कार्य :‑


ROM ESI Mamory जहां पर हम अपना सारा डाटा सेव करते है जैसे –ओडोयो,विडियो,फोटो,डोकोमेंट और सॉफ्टवेयर या ऐपस इंस्टोल करते है वो भी ROM में ही सेव होता है । ROM की सपीड RAM की तुलना में कम होती है । ROM और RAM के Prise में बहुत अंतर होता है जिसका कारण RAM के बनने में खर्च ज्यादा आता है ।


ROM के प्रकार :-


PROM-(Pragamable Read Only Memory)


MROM-(Masked Read Only Memory)


EPROM-(Erasable And Programable Read Only Memory)


EEPROM-(Electrically Erasable And Programble Read Only Memory)


EAROM-(Electric Aterable Read Only Memory)


 


PROM :-


यह एक ऐसा ROM जिसको हम एक बार चेंज करके अपडेट कर सकते है फिर उसको कभी अपडेट या चेंज नहीं कर सकते है । होता क्या है की इसमे कुछ छोटे-छोटे फ्यूज होता है जिनके अंदर Parogramming के जरिये Instruction डाले जाते है फिर इसको एक बार Programmad करने के बाद दोवारा से इरेज नहीं कर सकते है ।


यह डिजिटल ममोरी IC की तरह होती है और इसका उपयोग CRT मोनिटर में किया जाता है । यह एक परमानेंट होता है ।


यह अधिकतर बिजली से चलने वाला Device में होता है


MROM:-


इस Rom का पहले बहुत प्रयोग होता था लेकिन अब कोई इसे प्रयोग नहीं करता है यह Read Only Memory hard wired devices है जिसमे पहले से pre-programmed data और instruction store किया जाता है उस समय में इस प्रकार के memory बहुत महंगे होते थे लेकिन आज के समय में ये कहीं नहीं मिलते है ।


EPROM:-


यह एक एसी चिप है जो कंप्यूटर के बंद होने के बाद कंप्यूटर के डाटा को स्टोर करती है इसका प्रयोग PCO कंप्यूटर, टीवी Toonner में किया जाता है इसमे डाटा को लेजर की मदद से डाला और मिटाया जाता है इस रोम की खास बात ये है की इसे हम आसानी से मिटा सकते है और Programme भी कर सकते है इस memory को erase में लगभग 40 मिनट तक Ultra violet light से पास किया जाता है तब यह memory खाली होती है इस काम को प्राप्त करने के लिए EPROM eraser का भी प्रयोग किया जाता है ।


EEPROM:-


जब जब Technology में बदलाव हुआ है तब तब रोम को भी change करने की जरुरत पड़ी है । इसकी वजह से इसी memory का प्रयोग हुआ है क्युकी इसमे 10000 बार erase कर सकते है और programmed भी कर सकते है इसका काम कंप्यूटर ऑन करना होता है


EEPROM के प्रकार-


Serial EEPROM :-

इसमें डाटा ट्रांसफर क्रम्बंद्ध होता है और इसकी कार्यविधि बहुत ही जटिल है ।क्रम्बंध डाटा ट्रांसफर होने की वजह से यह पैरेलल से धीमी है ।


Parallel EEPROM:-

यह serial EEPROM से तेज है और विश्वसनीय भी है और इसका प्रयोग EPROM तथा फ्लेश memory के साथ किया जा सकता है ।लेकिन इनका मूल्य ज्यादा होने की वजह से इन्हें बहुत कम प्रयोग किया जाता है ।


 


EAROM :-


यह एक ऐसी कंप्यूटर के समान दिखाई देती है जिसमे आप कुछ इलेक्ट्रिक सिग्रल देकर जो बदलाव करना चाहते है वो का सकते है ।यह RAM के साथ मिलकर कंप्यूटर को ऑन करने और डिस्पले को लेन में मदद करती है यह भी एक IC के समान दिखाई देती है ।


फ्लेश Memory:-


यह विधुत प्रभाव द्वारा मिटने व प्रोग्राम करने योग्य स्थाई प्रकार की memory है यह memory ट्रांजिस्टर memory का उपयोग करती है जिसके परिणाम स्वरूप सबसे उच्च पैकिंग घनत्व, कम बिजली खपत, कम लगत वाली memory है ।




ROM के फायदे :-


ROM RAM से बहुत सस्ता होता है ।


ROM का का डाटा अपने आप नहीं बदलता है बल्कि जब हम इसमें कुछ बदलाव करते है तभी बदलाव होता है ।


यह non-volatite प्रकृति का है जो प्रोग्राम को स्थाई बनाए रखता है ।


इसको Refresh करने की जरूरत नहीं पड़ती है ।

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