Secondary memory kya hai?

 हेल्लो दोस्तों आज हम बात करेंगे Secondary memory के बारे में इस blog में आपको secondary memory के बारे में पूरी जानकारी विस्तार से सरल भाषा में जानने को मिलेगी और आपको सेकेंडरी मेमोरी क्या है?, सेकेंडरी मैमोरी के प्रकार और सेकेंडरी मैमोरी के कार्य के बारें में अच्छे से जानने को मिलेगा आगे भी पढ़े…

सेकेंडरी मेमोरी (Secondary Memory):-

                                              Secondary Memory को External memory या नॉन-वोलेटाइल memory के रूप में भी जाना जाता है यह memory mini memory की तुलना में धीमी होती है सेकेंडरी memory का स्थाई रूप में उपयोग डाटा एव इनफार्मेशन stores के लिए किया जाता है सेकेंडरी memory हार्ड ड्राइव और सॉलिड स्ट्रेट ड्राइव जैसे स्टोर device को संदर्भित (Referenced) करता है । यह रिमुवेबल stores मिडिया जैसे की USB फ्लैश ड्राइव, सीडी और डीवीडी को भी संदर्भित (Referenced) कर सकता है ।


Secondary Memory को indirectly इनपुट या आउटपुट ऑपरेशन के माध्यम से Access किया जाता है यह non-volatile है, इसलिए कंप्यूटर के बंद होने या इस डाटा के until या हटाए जाने तक भी Permanently डेटा store करता है CPU सेकेंडरी memory को सीधे Access नहीं कर सकता है सबसे पहले सेकेंडरी memory डेटा को Primary Memory में स्थानातरित किया जाता है फिर CPU इसे Access कर सकता है ।Primary Memory के विपरीत Secondary Memory सीधे CPU द्वारा Access नहीं की जाती है इसके बजाय सेकेंडरी memory से access किए गए डाटा को पहले रैम में लोड किया जाता है और फिर प्रोसेसर को भेजा जाता है रैम एक महत्पूर्ण मध्यवर्ती भूमिका (Intermediate Role) निभाता है , क्योकि यह माध्यमिक memory की तुलना में बहुत तेज डेटा एक्सेस गति प्रदान करता है सॉफ्टवेर प्रोग्राम और फाइलो को Primary Memory में लोड करके कंप्यूटर डेटा को अधिक तेजी से Process कर सकते है ।


जबकि Secondary memory, Primary memory की तुलना में बहुत धीमी होती है । यह आमतोर पर अधिक Stores Capacity प्रदान करती है उदाहरण के लिए एक कंप्यूटर में एक टेराबाईट हार्ड ड्राइव हो सकती है लेकिन रैम केवल 16 GB गीगाबाइट इसका मतलब है की कंप्यूटर में Primary memory की तुलना में लगभग 64 गुना अधिक सेकेंडरी memory नॉन-वोलेटाइल है , जिसका अर्थ है की यह विधुत शक्ति के साथ या उसके बिना अपना डेटा बनाए रखती है । दूसरी और रैम को तब मिटाया जाता है जब कंप्यूटर बन्द हो जाता है या फिर से चालू होता है इसलिए सेकेंडरी memory का उपयोग “Permanent Data” जैसे की ऑप्रेटिंग सिस्टम , एप्लीकेशन और यूजर फाइलो को स्टोर करने के लिए किया जाता है ।

सेकेंडरी मेमोरी के प्रकार :- 

                                   सेकेंडरी memory CPU का हिस्सा है या नहीं , इसके आधार पर सेकेंडरी memory दो प्रकार के होते है

        Fixed Storage Devices

        Removable Storage Devices

 


Fixed Storage Devices:-

                                     Fixed Storage मिडिया हार्ड डिस्क की तरह एक इन्टरनल स्टोरेज मिडिया है जो कंप्यूटर के अन्दर Fixed होता है ।

Types of Fixed Storage :-

        Internal Flash Memory (rare)

        SSD ( Solid state disk) Units

        Hard disk drives (HHD)

Removable Storage Device :-

                                       ऐसे स्टोरेज डिवाइस जो कंप्यूटर के बाहर होते है तथा जिनको कंप्यूटर के साथ कभी भी कनेक्ट करके, कभी भी कंप्यूटर से रिमूव किया जा सकता है, Removable Secondary Storage device कहलाता है ।


Removable Storage एक external media device है इन्हें Removable Disks drives या External Drives के रूप में जाना जाता है


Removable Storage Device ऐसे स्टोरेज डिवाइस है जिन्हें सिस्टम के चलने के दौरान ही कंप्यूटर सिस्टम से हटाया जा सकता है Removable devices के उदाहरणों में CDS, DVD, और Blu – Ray disk drives के साथ ही डिस्केट और USB drives शामिल है ।  


 Removable स्टोरेज डिवाइस यूजर्स के लिए डाटा को एक कंप्यूटर सिस्टम से दूसरे में स्थानांतरित करना आसान बनाते हैं। 


Types of Removable Storage –

Optical Discs (CD,DVD,Blu-Ray Discs)

Memory Cards

Floppy Disks

Magnetic Tapes

Disk Packs

Paper Storage (Punched Tapes,Punched Cards)

विभिन्न प्रकार के सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस- 

Hard Disk

Solid-State Drive

Pen Drive

Blu-Ray Disk

SD Card

CD Drive

DVD Drive

Hard Disk :-

यह एक डाटा स्टोरेज डिवाइस है, जिसका उपयोग डाटा स्टोरेज या इंफॉर्मेशन रिसीव करने के लिए किया जाता है।हार्ड डिस्क को अक्सर Disk drive या “Hard Disk Drive (HDD)” भी कहा जाता है. जिस तरह लाइब्रेरी में किताबो को संभालने के लिए अलमारी की आवश्यकता होती है, वही Computer को भी ऐसी ही जगह की जरूरत होती है, जिसमे वह Digital information को store कर पाये.


डिजिटल सामग्री (Document, Image, Videos, Software, Operating System, program) को स्टोर और प्रोसेस करने के लिए Computer दो तरह की Storage device का उपयोग करते है. जिसमे Hard Disk एक द्वितीयक मेमोरी डिवाइस (Secondary memory device) है. यह डाटा को स्थायी तौर पर संग्रहित करके रखती है


जबकि प्राथमिक मेमोरी डिवाइस (RAM) कंप्यूटर के प्रोग्राम को प्रोसेस करने का काम करती है. इसे अस्थायी मेमोरी भी कहा जाता है. Hard Disk को कंप्यूटर के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में देखा जाता है क्योंकि इसके बिना कोई भी Computer काम नही करेगा


Hard Disk जिसे Hard Disk Drive (HDD) भी कहा जाता है, एक नॉन-वोलेटाइल मेमोरी हार्डवेयर डिवाइस है. हार्ड डिस्क का काम Computer data को स्थायी रूप से संग्रहितऔर पुनर्प्राप्त करना होता है. Non-volatile device उन्हें कहा जाता है, जो कंप्यूटर में किसी भी प्रकार के डाटा को लंबे समय तक स्टोर करके रख सकती है.


अर्थात कंप्यूटर पावर ऑफ हो जाने के बाद भी डाटा सुरक्षित रखता है. Hard Disk को सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस भी कहा जाता है. यह एक कंप्यूटर केस के अंदर मौजूद रहती है और data cables (PATA, SCSI, SATA) का उपयोग करके Computer motherboard से जुड़ी होती है


डिजिटल जानकारी को संग्रहित और पूर्णप्राप्त करने के लिए Hard Disk चुम्बकीय भंडारण (magnetic storage) का उपयोग करती है. इसीलिये इसे Electro-mechanical data storage device भी कहा जाता है. हार्ड डिस्क में डाटा को स्टोर करने के लिए एक या एक से अधिक गोल घूमने वाली disk (platter) लगी होती है प्रत्येक प्लेटर में एक बहुत पतली पट्टी होती है, जो चुम्बकीय सामग्री (magnetic material) के इस्तेमाल से बनाई जाती है. इन platters में कई सारे track और sector मौजूद रहते है और यह spindle के माध्यम से घूमते है. जब प्लेटर घूमना शुरू करता है, तो Hard Disk में लगा एक Read/Write arm इसके उप्पर दाएं से बाएं खिसकता है.


इसका काम platter से डाटा पढ़ना और डाटा लिखना होता है. जितनी गति (speed) से स्पिंडल, प्लेटर को घुमाएगा Hard Disk में डाटा उतनी ही तेजी से स्टोर होगा. इसकी गति को RPM (Revolution Per Minute) में मापा जाता है. इसका अर्थ है, प्लेटर ने एक मिनट में कितने चक्कर लगाए. अधिकतर Hard Disk 5400 RPM से 7200 RPM की होती है.


Hard Disk के प्रयोग में आने से पहले कंप्यूटर में जानकरी को संग्रहित करने के लिए floppy circle का उपयोग किया जाता था. परन्तु यह सिर्फ 3.14MB तक हीdata स्टोर कर सकती थी. बल्कि इसके उलट Hard Disk कई terabytes data को स्टोर करने की capacity रखती है. प्रथम हार्ड डिस्क का अविष्कार 1956 में IBM द्वारा किया गया था और RAMAC (Random Access Method of Accounting and Control) पहली हार्ड डिस्क थी.


 


Hard Disk कितने प्रकार (Types) की होती है


 


वर्तमान में Hard Disk चार प्रकार (four sorts) की होती है-:


 


PATA (Parallel Advanced Technology Attachment) – ये सबसे पुराने प्रकार की हार्ड डिस्क है. इसका उपयोग पहली बार 1986 में किया गया था. PATA Hard Disk कंप्यूटर से जुड़ने के लिए ATA interface standard का उपयोग करती है. इसे पहले Integrated Drive Electronics (IDE) के रूप में संदर्भित किया जाता था. यह एक मध्यम गति की हार्ड डिस्क है, इसका data transfer rate 133MB/s तक हैै. ये ड्राइव magnetism के इस्तेमाल से data store करती है.

SATA (Serial Advanced Technology Attachment) – आज के अधिकतर कंप्यूटर और लैपटॉप में आपको इस प्रकार की Hard Disk मिलेगी. एक PATA drive के मुकाबले SATA Hard Disk का data transfer rate अधिक होता है. इसकी गति 150MB/s से 600MB/s तक हो सकती है. SATA cables काफी पतली और लचीली होती है, जो PATA cable के मुकाबले काफी बेहतर है. ये कई मायनों में पुरानी हार्ड डिस्क ड्राइव से बेहतर है.

SCSI (Small Computer System Interface) – इस प्रकार के हार्ड डिस्क कंप्यूटर से जुड़ने के लिए छोटे कंप्यूटर सिस्टम इंटरफेस का इस्तेमाल करते है. ये IDE hard drive के काफी समानांतर है. SCSI Hard Disk के नये संस्करण (16-bit ultra – 640) की data transfer speed 640 MBps तक है और यह 12 meter की लंबाई वाली cable के साथ 16 device से कनेक्ट कर सकता है

SSD (Solid State Drives) – ये आज की सबसे लेटेस्ट ड्राइव में आती है. बाकी सभी Hard Disk डिवाइस के मुकाबले काफी बेहतर और तेज है. SSD डाटा स्टोर करने के लिए flash memory technology का उपयोग करती है. इसकी डाटा एक्सेस स्पीड काफी तेज होती है. इसकी कीमत एक HDD drive के मुकाबले काफी अधिक है

 


Solid State Drive :-


                         SSD भी HDD की तरह एक non-volatile storage device है जिसका उपयोग कंप्यूटर में डाटा और इंफॉर्मेशन को स्टोर करने के लिए किया जाता है SDD (सॉलि़ड स्टेट ड्राइव) के अंदर कोई मूवी पार्ट नहीं होते जैसे की हार्ड डिस्क में होते हैं SSD मैं मूविंग पार्ट न होने के कारण इससे डाटा को आसानी से एक्सेस किया जा सकता है जिससे पावर और समय की भी बचत होती है SSD की बात करें तो यह HDD से थोड़ा महंगा होता है मगर जैसे-जैसे SSD की लागत कम हुई है यह डेस्कटॉप और लैपटॉप कंप्यूटर में हार्ड डिस्क की जगह उपयोग किया जाने लगा है यह नोटबुक, लैपटॉप के लिए उपयुक्त है जिसमें बहुत ज्यादा स्टोरेज की आवश्यकता नहीं होती है


Pen Drive :-


                   Pen Drive एक पोर्टेबल सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस है जिसे USB फ्लैश ड्राइवthumb ड्राइव और jump ड्राइव के रूप में भी जाना जाता है पेनड्राइव को यूएसबी पोर्ट के माध्यम से कंप्यूटर के साथ कनेक्ट किया जाता है इसका उपयोग कंप्यूटर के बीच data ट्रांसफर के लिए किया जाता है पेन ड्राइव में किसी भी प्रकार के मूवेबल पार्ट नहीं होते इसमें integrated circuit की बनी एक चिप होती है जो डाटा को स्टोर करके रखता है यह चिप एक प्लास्टिक या एलुमिनियम के अंदर रखी जाती है jपेन ड्राइव की डाटा स्टोरेज क्षमता आमतौर पर 2GB से 128GB है इसके आलावा, यह एक Plug and Play Device है क्योकि इसे इस्तेमाल करने के लिए आपको कोई अलग से ड्राइव, software या hardware की जरूरत नहीं है 


Blu Ray Disk :-


Blu Ray Disk (BD) एक ऑप्टिकल स्टोरेज मीडिया है जिसका उपयोग High Defination वीडियो और अन्य मल्टीमीडिया फ़ाइल् को स्टोर करने के लिए किया जाता है सीडी या डीवीडी की तुलना में बीडी(ब्लू रे डिस्क) कम तरंग धैर्य लेजर का उपयोग करता है BDs 128 जीबी डाटा स्टोर सकता है


SD Card :-


      SD Card जिसे Secure Digital Card के नाम से जाना जाता है एक पोर्टेबल स्टोरेज डिवाइस है जो ज्यादातर स्मार्टफोन और डिजिटल कैमरा में उपयोग किया जाता है आप जब चाहे इसे अपने स्मार्टफोन से हटा सकते हैं और कंप्यूटर से कनेक्ट कर सकते हैं इसके अंदर स्टोर data कार्ड रीडर की मदद से देख सकते हैं SD Card में हार्ड डिस्क की तरह कोई मूविंग पार्ट नहीं होता इसके अंदर कई सारेचिप होते हैं जो डाटा को स्टोर करने का कार्य करते हैं मार्केट में कई सारे एसडी कार्ड मौजूद हैं जिनकी स्टोरेज क्षमता अलग-अलग होती है जैसे- Standard SD Card, mini SD Card and micro SD Cards 


CD Drive :-


                  CD एक पॉलीकार्बोनेट प्लास्टिक से बना होता है एचडी की अवधारणा को 1982 में फिलिप्स और सोनी द्वारा साथ में मिलकर विकसित किया गया था जर्मनी के एक वर्कशॉप में पहली सीडी17 अगस्त 1882 बनाई गई थी शुरुआत में इसका उपयोग साउंड रिकॉर्डिंगको स्टोर करने और चलाने के लिए किया जाता था बाद में इसका उपयोग विभिन्न उद्देश्यों के लिए किया जाने लगा जैसे कि डॉक्यूमेंट, ऑडियो, फाइल, वीडियो और सॉफ्टवेयर प्रोग्राम जैसे अन्य डेटा को स्टोर टॉप करने के लिए.


DVD Drive :-


                     Digital Video Display एक प्रकार का ऑप्टिकल मीडिया है जो ऑप्टिकल data को स्टोर करने के लिए उपयोग किया जाता है हालांकि इसका आकार CD के समान होता है लेकिन इसकी स्टोरेज क्षमता सीडी की तुलना में काफी ज्यादा होती है इसलिए यह मूवीजको स्टोर करने व देखने के लिए तथा सॉफ्टवेयर प्रोग्राम को बांटने के लिए उपयोग किया जाता है DVD को 1995 में सोनी, पेनासोनिक, फिलिप्स औरतोसिबा द्वारा मिलकर Develop किया गया था


सेकेंडरी मेमोरी की विशेषता :-


सेकेंडरी मेमोरी एक Bachap memory के रूप में भी जाना जाता हैं 

यह एक नॉन -वोलेटाइल मेमोरी है 

सेकेंडरी मेमोरी में data स्थाई रूप से संग्रहित रहता है 

इसका उपयोग कंप्यूटर में data और प्रोग्राम को स्टोर करने के लिए किया जाता है 

कंप्यूटर मेमोरी बिना सेकेंडरी मेमोरी के भी चल सकता है 

सेकेंडरी मेमोरी प्राइमरी मेमोरी से स्लो हटो है 

यह प्राइमरी मेमोरी की तुलना में सस्ती होती है 

इसमें data संग्रहित करने के लिए ओप्टिकल और चुम्बकीय मेमोरी होती है 

यह एक external मेमोरी है



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